Thursday 26 January 2017

शब्द हर दिन सुनते हे भरस्टाचार और इसी के नाम पर कई सरकार,NGO बनी और चली भी गयी लेकिन यह रहा और उलटे और ज्यादा फैलता गया।और अभी ऐसा समय हे की हम अगर भरस्टाचार में लिप्त नहीं होंगे तो हमे भूखा मरना पड़ेगा।इसका उदाहरण भी दूंगा।भारत में नक्सल और कई सारे आतंकवादी (उग्रपंथी कहना गलत होगा) संगठन हे जिनका जन्म कोई न कोई कारण लेकर हुआ है।कोई भारत से आज़ादी चाहता है,कोई भरस्टाचार से आजादी चाहता है,किसी को समाज में अपनी मजबूत स्थिति चाहिए।लेकिन क्या वास्तव में यह संगठन यह सब चाहते है या यह नाम लेकर अपना उल्लू सीधा करते हे।अभी असम का ulfa को ही ले लीजिए।यह संगठन भारत से आज़ादी चाहता है और कहता है कि असम भारत का कभी अंग था ही नहीं।प्रश्न पूछने से किसी ऐरे गेरे का किताब पकड़ा देते है और फिर भी अगर आप पूछे तो गोली खाना पड़ता है।वो कहते ब्रिटिश आने से पहले असम भारत का अंग नहीं था और ब्रिटिश ने असम को भारत का अंगराज्य बनाया।यह 600 -700साल पुरानी बात है लेकिन असम का इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है और यह कहानी हमे भारत का अंग बनाता है।आज भी ULFA का लीडर चीन में बैठकर कहता है कि उसका पूर्वज चीन से आया था और यह भारत का अंग नहीं है।पहले तो इसको कुछ पता नहीं असम का इतिहास और दूसरा चीन से हथियार और पाकिस्तान से पैसा लेता है।इतिहास की गवाही हे की असम भारत का अंग था और वो भी 5000 साल पहले से।ULFA का काम है क्या?simply कहे तो EXTORTION ,इसी से यह ज़िंदा हे। और यह करता कैसे हे? यह ISI के सीधा संपर्क में रहकर काम करता है और पैसे असम के अवैध बांग्लादेशी मुसलमान और हम जैसे बेरोजगार लोगो को देते है और इससे वो अपना डर पैदा करते हे।नक्सल भी यही है।कोई भी नहीं चाहता है कि शांति और उन्नति कैसे हमारे समाज में आये।असम में 30 से ज्यादा student union हे ,30 से ज्यादा साहित्य सभा हे, सभी अपना नाम के अलावा राजनीती में ही ज्यादा लगे रहते है।सोचिये अगर मैंने किसी department से रोड बनाया तो कमसे कम 30 साल तो ठीक रहना चाहिए अगर as per specification बनाया गया तो।As per specification यह road बनते क्यों नहीं? इतने अगर संगठन हे जिसे हर चीज़ पता है तो वो ऐसा ख़राब road बनाने से रोकते क्यों नहीं? एक भी road आप असम में नहीं दिखा सकते जिससे लगे की असम develop हो सकता है।road की तरह हर department में घुश्खोरी हे।इसका बहुत सारे हिस्से होते होंगे और कुछ हिस्से इन आतंकवादी संगठन के पास न हो यह भी नहीं हो सकता।और अगर आप कुछ कहे तो हो गयी आप की ऐसी की तैसी।संगठित crime हे इस तरह की बाते।और कुछ भी हो सरकार पर दोष दिया जाता है और बेरोजगारी तो हे ही ।इससे इनको और भी लोग मिल जाते हे।अभी तक जितने भी संगठन देखा हूँ,जाना हूँ ,मैंने देखा सभी के पीछे एक अनजान सच है जो की सिर्फ पैसा हे और वो पैसा भी सिर्फ अपने लिए।वीच में जनता पिट रही हैऔर वैसे भी जानता भी कम corrupt नहीं है आजकल।पैसे देकर gas cylinder लेना,railway ticket conform करवाना।जनता जैसी हे परिस्थिति भी ऐसी ही मिलेगी।जो बौओगे वही काटोगे।2014 में एक आतंकवादी संगठन ने कुछ अदिबाशियो को मार दिया था।तब भारत सरकार बे operation all out शुरू किया।तब कोई भी उग्रवादी संगठन के विररुद्ध काम नहीं करना चाहता था।तब हम कुछ दोस्तों ने मिलकर अपना पैसा लगाकर DC office के order लेकर Indian army के लिए road बनाये, कमरे बनवाये,विस्तर बनवाये और बहुत कुछ दिया ।army से हमे cleanchit भी मिल गया(विना घुस दिए) और हमने bill DC ऑफिस में जमा दे दिया।अभी DC ऑफिस के अफसर को 20% चाहिए और तभी वो बिल देगा।याबी आप सोचिये मुझे क्या करना चाहिए? मैंने उसको बताया कि ठीक है मैं दूंगा और उसने 75 लाख में से 1.70 लाख दिया test करने के लिए और मैंने उसे घुश नहीं दिया और दूंगा भी नहीं।चाहे मुझे मेरे बाकी पैसे मिले या न मिले।इंतजाम दूसरा कर रहा हूँ।लेकिन इम्पोर्टेन्ट हे की हम कब अपनी असली लड़ाई खुद चालू करेंगे ,सिर्फ हमे कहना है NO नहीं ,अगर कोई घुस मांगे तो।यह मंत्री,mla, deputy commissjoner, आतंकवादी सभी हमारे वीच से ही गए है और इसे कोई मोउ से तुंग,कोरिया या रूस ठीक नहीं कर सकता।इसे ठीक हम कर सकते हे।अपनी लड़ाई दूसरे के कंधे में देकर इस देश का कुछ नहीं हो सकता कहना पाप होगा और गलती भी और इससे आप अपनेबच्चे का ख़राब भबिस्य लिख रहे  हे।हमे सिर्फ घुस देना बंद करना है और देखना है कि उसे कैसे पकड़वाए और देखना भारत कितना जल्द विश्वगुरु बनता है।यह जितने भी नक्सल,आतंकवादी हे उसे पहले खत्म करना है और छात्र संगठनो को कहना है हमे की आप छात्र संगठन हो इसलिए छात्र की तरह पढ़ाई में ध्यान दो।